Desh Bhakti Shayari

Desh Bhakti Shayari
✐ इतनी सी बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी चिरागों को जलाये रखना
लहू देकर की है जिसकी हिफाजत हमने
ऐसे तिरंगे को हमेशा दिल में बसाये रखना।

✐ मेरे मुल्क की हिफाज़त ही मेरा फ़र्ज है
और मेरा मुल्क ही मेरी जान है,
इस पर कुर्बान है मेरा सब कुछ,
नही इससे बढ़कर मुझको अपनी जान है।

✐ तीन रंग का नही वस्त्र, ये ध्वज देश की शान है,
हर भारतीय के दिलो का स्वाभिमान है,
यही है गंगा, यही हैं हिमालय, यही हिन्द की जान है
और तीन रंगों में रंगा हुआ ये अपना हिन्दुस्तान हैं।

✐ लहू वतन के शहीदों का रंग लाया है,
उछ्ल रहा है ज़माने में नाम-ए-आज़ादी।

✐ दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की नफरत,
मेरी मिटटी से भी खुशबू-ए-वफ़ा आयेगी।

✐ भारतमाता तुम्हें पुकारे आना ही होगा,
कर्ज अपने देश का चुकाना ही होगा,
दे करके कुर्बानी अपनी जान की,
तुम्हे मरना भी होगा मारना भी होगा।

✐ मैं अपने देश का हरदम सम्मान करता हूँ,
यहाँ की मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ,
मुझे डर नहीं है अपनी मौत से,
तिरंगा बने कफ़न मेरा, यही अरमान रखता हूँ।

✐ भारतमाता के लिए मर मिटना कबूल है मुझे,
अखंड भारत बनाने का… जूनून है मुझे।

✐ जिंदगी है कल्पनाओं की जंग
कुछ तो करो इसके लिए दबंग
जियो शान से भरो उमंग
लहराओ सबके दिलों में देश के लिए तिरंग।

✐ सुन्दर है जग में सबसे, नाम भी सबसे न्यारा है
वो देश हमारा है, वो देश हमारा है
जहाँ जाति भाषा से बढ़कर देशप्रेम की धारा है
वो देश हमारा है, वो देश हमारा है।

✐ ये नफरत बुरी है,
न पालो इसे दिलो मे..
खलिश है, निकालो इसे।
न तेरा, न मेरा,
न इसका, न उसका,
ये सब का वतन है. बचा लो इसे।
जय हिन्द!

✐ कुछ नशा
तिरंगे की आन का है
कुछ नशा
मातृभूमी की शान का है
हम लहेरायेंगे
हर जगह ये तिरंगा
नशा ये
हिंदुस्तान की शान का है…
वंदे मातरम्…
जय हिन्द…भारत माँ की जय हो!!

✐ वतन हमारा ऐसा के कोई ना छोड़ पाये,
रिश्ता हमारा ऐसा कोई ना तोड़ पाये,
दिल एक हे एक जान हे हमारी,
हिंदुस्तान हमारा हे हम इसकी शान हे.

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