Subah Ka Pahla Shabd Vandemataram Hi Hota Hai
खुमार तेरे इश्क का ऐसा चढ़ा है वतन,
की सुबह का पहला शब्द वंदेमातरम् ही होता है।
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खुमार तेरे इश्क का ऐसा चढ़ा है वतन,
की सुबह का पहला शब्द वंदेमातरम् ही होता है।
जो अब तक ना खौला,
वो खून नहीं पानी है।
जो देश के काम ना आये,
वो बेकार जवानी है।
जिंदगी जब तुझको समझा,
मौत फिर क्या चीज है।
ऐ वतन तू हीं बता,
तुझसे बड़ी क्या चीज है।
सरफरोशी की तमन्ना,
अब हमारे दिल में है।
खून से खेलेंगे होली,
अगर वतन मुश्किल में है।
अपनी आज़ादी को हम हरगिज़ मिटा सकते नहीं,
सर कटा सकते हैं लेकिन सर झुका सकते नहीं।
जिनके होठों पे हंसी,
और पांव में छाले होंगे।
हां वही लोग मेरे वतन के चाहने वाले होंगे।
चीर के बहा दूं लहू दुश्मन के सीने का,
यही तो मजा है फौजी होकर जीने का।