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महिला दिवस शायरी

बेटी-बहु कभी माँ बनकर
सबके ही सुख-दुख को सहकर
अपने सब फर्ज़ निभाती है
तभी तो नारी कहलाती है

आंचल में ममता लिए हुए
नैनों से आंसु पिए हुए
सौंप दे जो पूरा जीवन
फिर क्यों आहत हो उसका मन
महिला दिवस की हार्दिक बधाई

नारी ही शक्ति है नर की
नारी ही है शोभा घर की
जो उसे उचित सम्मान मिले
घर में खुशियों के फूल खिलें
महिला दिवस की हार्दिक बधाई

नारी सीता नारी काली
नारी ही प्रेम करने वाली
नारी कोमल नारी कठोर
नारी बिन नर का कहां छोर

नर सम अधिकारिणी है नारी
वो भी जीने की अधिकारी
कुछ उसके भी अपने सपने
क्यों रौंदें उन्हें उसके अपने

मुस्कुराकर, दर्द भूलकर
रिश्तों में बंद थी दुनिया सारी
हर पग को रोशन करने वाली
वो शक्ति है एक नारी
महिला दिवस की शुभकामनाएं

क्यों त्याग करे नारी केवल
क्यों नर दिखलाए झूठा बल
नारी जो जिद्द पर आ जाए
अबला से चण्डी बन जाए
उस पर न करो कोई अत्याचार
तो सुखी रहेगा घर-परिवार
महिला दिवस की हार्दिक बधाई

जिसने बस त्याग ही त्याग किए
जो बस दूसरों के लिए जिए
फिर क्यों उसको धिक्कार दो
उसे जीने का अधिकार दो
महिला दिवस की शुभकामनाएं

नारी दिवस बस एक दिवस
क्यों नारी के नाम मनाना है
हर दिन हर पल नारी उत्तम
मानो , यह नया ज़माना है
महिला दिवस की बधाई

औरत का इस दुनिया में मान है
औरत एक बहन है
एक बेटी है, एक पत्नी है
औरत के बिना यह जहांन कुछ भी नहीं है
हैप्पी वुमेन्स डे।

महिला दिवस बधाई संदेश

पापा की वो लाड़ली, माँ की वो जान,
दिल नादान, पर करती है,
सबके लिए अपनी जान कुर्बान,
है भाइयों की मुस्कान, परिवार की शान,
ये है एक लड़की की पहचान..
Happy Women’s Day !

जिसने बस त्याग ही त्याग किए
जो बस दूसरों के लिए जिए
फिर क्यों उसको धिक्कार दो
उसे जीने का अधिकार दो
महिला दिवस की शुभकामनाएं

औरत से है यह दुनिया सारी
फिर भी यह ग़ुलामी सहती है,
औरत के लिए है जीना सजा
फिर भी वह जीए जा रही है,
औरत संसार की किस्मत है
फिर भी किस्मत की मारी है,
औरत आज भी ज़िंदा जलती है,
फिर भी कहलाती वह क़ुरबानी है,
औरत के लिए रोना खता है
फिर भी वह हर ज़ुल्म सहती है,
औरत ने जनम दिया मर्दों को
फिर भी वह कहलाती पैरों की जूती है!

अर्ध सत्य तुम, अर्ध स्वप्न तुम, अर्ध निराशा आशा,
अर्ध अजित जित, अर्ध तृप्ति तुम, अर्ध अतृप्ति पिपासा,
आधी काया आग तुम्हारी, आधी काया पानी,
अर्धांगिनी नारी ! तुम जीवन की आधी परिभाषा !
आज अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं।

हज़ारो फूल चाहिए एक माला
बनाने के लिए,
हज़ारो दीपक चाहिए एक आरती
सजाने के लिए,
हज़ारो बून्द चाहिए समुद्र
बनाने के लिए,
पर एक “स्त्री” अकेली ही काफी है..
घर को स्वर्ग बनाने के लिए…
महिला दिवस की हार्दिक बधाई

आंचल में ममता लिए हुए
नैनों से आंसु पिए हुए
सौंप दे जो पूरा जीवन
फिर क्यों आहत हो उसका मन
महिला दिवस की हार्दिक बधाई

औरत का इस दुनिया में मान है
औरत एक बहन है
एक बेटी है, एक पत्नी है
औरत के बिना यह जहांन कुछ भी नहीं है
हैप्पी वुमेन्स डे।

नारी तुम प्रेम हो, आस्था हो, विश्वास हो,
टूटी हुई उम्मीदों की एकमात्र आस हो,
हर जन का तुम्हीं तो आधार हो,
नफ़रत की दुनिया में मात्र तुम्हीं प्यार हो,
उठो अपने अस्तित्त्व को संभालो,
केवल एक दिन ही नहीं,
हर दिन नारी दिवस बना लो…
नारी दिवस की हार्दिक बधाई !

औरत प्यार-मोहब्बत करने वाले को शायद भूल जाए,
पर इज्ज़त करने वालों को कभी नहीं भूलती!
नारी का सम्मान सबका परम कर्तव्य है!
8 मार्च अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस
की आपको हार्दिक शुभकामनाएं!

मन में ममता और करुणा का भाव लिए,
बड़े ही खूबसूरती के साथ अपनी सभी,
जिम्मेदारियां निभाती है परिवार की धुरी महिला,
चेहरे की रौनक सूरज सी बढ़ती जाए,
भीतर की ऊर्जा सदा दमकती जाए,
महिला दिवस की ढ़ेरो शुभकामनाएं.

महिला दिवस पर अनमोल विचार

नारी के बिना पुरुष की बाल्यावस्था असहाय है, युवावस्था सुख रहित है और वृद्धावस्था सांत्वना देनेवाले सच्चे और वफादार साथी से रहित है। – जौन

मैं देखता हूँ जब मर्द औरत से प्यार करता है . वो अपनी ज़िन्दगी का बहुत छोटा हिस्सा देता है . पर जब औरत प्यार करती है वो सबकुछ दे देती है। – आस्कर वाइल्ड

हर चीज से बढ़कर, अपने जीवन की नायिका बनिए शिकार नहीं। – नोरा एफ्रान

नारी शांति की प्रतिमा है, उसे उच्च पद से नीचे गिराना केवल जंगलीपन है। – रफोडियस

नारी वह मधुर सरिता है, जिसमें प्रवहमान होकर मनुष्य अपनी और दु:खों से त्राण पाता है। – शरण

आप एक आदमी को शिक्षित करते हैं; आप एक आदमी को शिक्षित करते हैं; आप एक औरत को शिक्षित करते हैं, आप एक पीढ़ी को शिक्षित करते हैं। -ब्रिघैम यंग

नारी के जीवन का संतोष ही स्वर्ण-श्री का प्रतीक है। – डॉ. रामकुमार वर्मा

नारी नर की सहचरी, उसके धर्म की रक्षक, उसकी गृहलक्ष्मी तथा उसे देवत्व तक पहुँचानेवाली साधिका है। – डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन्

नारी सब कुछ कर सकती है, लेकिन अपनी इच्छा के विरुद्ध प्रेम नहीं कर सकती। – सुदर्शन

नारी यौवनकाल में गृह-देवी, मध्यकाल में सच्चा साथी और वृद्धावस्था मैं परिचारिका का काम देती है। – बेकन

जो नारी अपने पति तथा पुत्रों को सदैव सानंद रखती है, उसके समक्ष संसार की महारानी का वैभव भी तुच्छ है। – गोल्डस्मिथं

मैं किसी समुदाय की प्रगति महिलाओं ने जो प्रगति हांसिल की है उससे मापता हूँ। – बी. आर. अम्बेडकर