Sawan Four Line Shayari

Sawan Four Line Shayari
इस सावन में हम भीग जायेंगे
दिल में तमन्ना के फूल खिल जायेंगे
अगर दिल करे मिलने को तो याद करना
बरसात बनकर हम बरस जायेंगे

ये दौलत भी ले लो, ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी ज़वानी
मगर मुझको लौटा दो वो बचपन का सावन
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी

मौसम है सावन का और याद तुम्हारी आती है
बारिश के हर कतरे से आवाज़ तुम्हारी आती है
बादल जब गरजते हैं, दिल की धड़कन बढ़ जाती है
दिल की हर इक धड़कन से आवाज़ तुम्हारी आती है

सावन में हम पानी बनकर बरस जायेंगे
पतझड़ में फूल बनके बिखर जायेंगे
क्या हुआ जो हम आपको तंग करते हैं
कभी आप इन लम्हों के लिए भी तरस जायेंगे

तेरा उलझा दामन मेरी अंजुमन तो नहीं
जो मेरे दिल में है शायद तेरी धड़कन तो नहीं
यू यकायक मुझे बरसात की क्यों याद आई
जो घटा है तेरी आँखों में वो सावन तो नहीं

ऐ सावन की बारिश जरा थम के बरस
जब मेरा सनम आ जाए तो जम के बरस
पहले ना बरस कि वो आ न सके
जब वो आ जाए तो इतना बरस कि वो जा न सके

सावन का ये मौसम कुछ याद दिलाता हैं
किसी के साथ होने का एहसास दिलाता हैं
फ़िज़ा भी सर्द हैं यादें भी ताज़ा हैं
ये मौसम किसी का प्यार दिल में जगाता हैं

बनके सावन कहीं वो बरसते रहे
इक घटा के लिए हम तरसते रहे
आस्तीनों के साये में पाला जिन्हें
साँप बनकर वही रोज डसते रहे

फूल से दोस्ती करोगे तो महक जाओगे
सावन से दोस्ती करोगे तो भीग जाओगे
हमसे करोगे तो बिगड़ जाओगे
और नहीं करोगे तो किधर जाओगे

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