Shayari Dosti Ki Tarif

शायरी दोस्ती की तारीफ

भरी महफिल मे दोस्ती का ज़िक्र हुआ
हमने तो सिर्फ आप की ओर देखा और लोग वाह – वाह कहने लगे..

मिलना बिछङना सब किस्मत का खेल है…
कभी नफरत तो कभी दिलों का मेल है…
बिक जाता है हर रिश्ता दुनिया में…
सिर्फ दोस्ती ही यहॉ नॉट फार सेल है

यू मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त,
क्यू गम को बॉट लेते हैं दोस्त,
न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है,
फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त…

दोस्ती इक रिश्ता-ए-ख़ास है
आज़ादी का पेहला एहसास है
ईश्वर बान्ध कर भेजता है हर बन्धन
जिसे हम बान्धते हैं दोस्ती वो गॉठ है

वो कहते हैं जमीन पर किसी को खुदा नहीं मिलता, शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम सा नहीं मिलता

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