दोस्ती निभाने की शायरी

फूल बनकर मुस्कुराना जिन्दगी है,
मुस्कुरा के गम भूलाना जिन्दगी है,
मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है!

खुद पे भरोसा है तो, खुदा तेरे साथ है,
अपनों पे भरोसा है तो हर दुआ तेरे साथ है,
ज़िन्दगी से हार मत जाना,
ज़माना हो न हो, ये दोस्त का प्यार तेरे साथ है…

क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त
क्यूँ गम को बाँट लेते हैं दोस्त
न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है
फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त

ना रहे कोई गिला इस क़दर वफ़ा देंगे
आपकी एक ख़ुशी की खातिर आँसू तक बहा देंगे
कभी ना भूलेंगे आपकी दोस्ती को हम
दूर रहकर भी आपको दिल से दुआ देंगे.

वादा करते हैं आपसे हमेशा दोस्ती निभाएंगे,
कोशिश यही रहेगी आपको नहीं सतायेंगे,
जरुरत कभी पड़े तो दिल से पुकार लेना,
किसी और के दिल में होंगे तो भी चले आएंगे।

शायरी दोस्ती की तारीफ

भरी महफिल मे दोस्ती का ज़िक्र हुआ
हमने तो सिर्फ आप की ओर देखा और लोग वाह – वाह कहने लगे..

मिलना बिछङना सब किस्मत का खेल है…
कभी नफरत तो कभी दिलों का मेल है…
बिक जाता है हर रिश्ता दुनिया में…
सिर्फ दोस्ती ही यहॉ नॉट फार सेल है

यू मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त,
क्यू गम को बॉट लेते हैं दोस्त,
न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है,
फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त…

दोस्ती इक रिश्ता-ए-ख़ास है
आज़ादी का पेहला एहसास है
ईश्वर बान्ध कर भेजता है हर बन्धन
जिसे हम बान्धते हैं दोस्ती वो गॉठ है

वो कहते हैं जमीन पर किसी को खुदा नहीं मिलता, शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम सा नहीं मिलता