Aja Ekadashi Vrat Katha, Mahatva, Vachan

Aja Ekadashi Vrat Mahatva

Download Image Aja Ekadashi Vrat Mahatva

🌷अजा एकादशी की कथा🌷

पुराणों के अनुसार राजा हरिश्चंद्र, जो सत्य और धर्म के पालन में प्रसिद्ध थे, एक समय भयंकर संकट में पड़ गए। उन्हें अपना राज्य, पत्नी और पुत्र तक खोना पड़ा और श्मशान घाट पर दास का जीवन जीना पड़ा।
एक दिन महर्षि गौतम ने उन्हें अजा एकादशी का व्रत करने की सलाह दी। राजा ने श्रद्धा से यह व्रत किया। उसके प्रभाव से उनके सारे पाप नष्ट हो गए, परिवार मिला और राज्य भी वापस प्राप्त हुआ।

👉 यह कथा हमें बताती है कि अजा एकादशी का व्रत केवल पाप नाशक ही नहीं, बल्कि जीवन में नई शुरुआत और पुण्य का मार्ग खोलने वाला है।

🌿✨ अजा एकादशी व्रत का महत्व ✨🌿

📿 पुराणों में वर्णित है कि इस व्रत का पालन करने से
अतीत के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और जीवन शुद्ध बनता है।

📿 भगवान विष्णु की कृपा से साधक को वैकुण्ठ लोक की प्राप्ति होती है।

📿 विशेष मान्यता है कि इस व्रत से मन की शुद्धि, कर्मों में पवित्रता और
जीवन में सुख-शांति का वास होता है।

1. व्रत की पवित्रता
अजा एकादशी भाद्रपद कृष्ण पक्ष की एकादशी को आती है।
शास्त्रों में कहा गया है कि इस व्रत का पालन करने से हजारों यज्ञ और दान के बराबर फल मिलता है।

2. पापों का नाश
पौराणिक कथा के अनुसार, महाराज हरिश्चंद्र ने अजा एकादशी का व्रत किया था।
इस व्रत से उन्होंने अपने जीवन के भारी दुःख और संकट से मुक्ति पाई।
यह व्रत मनुष्य के समस्त पापों का नाश करता है।

3. मोक्ष और पुण्य
जो भक्त इस दिन व्रत और हरि नाम का जप करता है,
उसे न केवल इस जन्म में सुख मिलता है,
बल्कि मृत्यु के पश्चात मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।

4. व्रत विधि
– प्रातः स्नान कर भगवान विष्णु का स्मरण करें।
– व्रत का संकल्प लेकर दिनभर उपवास करें।
– ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ या ‘हरे कृष्ण महा मंत्र’ का जप करें।
– संध्या समय श्रीहरि विष्णु की पूजा करें और कथा सुनें।
– द्वादशी को दान और व्रत पारण करें।

5. व्रत का लाभ
✨ पापों से मुक्ति
✨ कठिनाइयों का अंत
✨ परिवार में शांति और समृद्धि
✨ मन और आत्मा का शुद्धिकरण
✨ अंततः मोक्ष की प्राप्ति

🌼 प्रेरणादायक वचन 🌼

1. “जो अजा एकादशी का व्रत करता है, वह जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्त होकर मोक्ष के मार्ग पर अग्रसर होता है।”

2. “उपवास से शरीर शुद्ध होता है, हरि नाम के स्मरण से मन निर्मल होता है – यही अजा एकादशी की सच्ची साधना है।”

3. “सच्चा पुण्य भूखे को भोजन देने और दुखी को सहारा देने में है – तभी अजा एकादशी का व्रत सफल होता है।”

4. “एकादशी का व्रत केवल भूखा रहने का नाम नहीं, बल्कि भीतर की वासनाओं और नकारात्मकता को त्यागने का अवसर है।”

5. “अजा एकादशी हमें यह सिखाती है कि हर कठिनाई हरि भक्ति से सरल हो सकती है।”

🌸 निष्कर्ष
अजा एकादशी व्रत केवल उपवास नहीं, बल्कि
मन, वचन और कर्म को प्रभु की भक्ति में समर्पित करने का अवसर है।
इस दिन हरि नाम का स्मरण करने से जीवन में शुभता और शांति का संचार होता है।

See More here: Aja Ekadashi

Tag:

Leave a comment