Apeksha aur Prabhu Ki Drishti Jeevan Satya Sandesh

Apeksha Aur Prabhu Ki Drishti Jeevan Satya Sandesh

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🌸 क्यों होती है प्रशंसा की अपेक्षा

प्रयास की पहचान — जब हम कर्म करते हैं, मन चाहता है कि लोग देखें। पर असली पहचान प्रभु की दृष्टि में होती है, न कि संसार की निगाह में।

भावनात्मक ज़रूरत — प्रेम और सम्मान आत्मा की ज़रूरत है। जब यह लोगों से न मिले, तो प्रभु के चरणों में यह भरपूर मिलता है।

समाज की शिक्षा — बचपन से हमें शाबाशी की आदत डलती है। पर भक्ति सिखाती है कि सच्चा फल प्रभु के आशीर्वाद से मिलता है।

आत्म-निश्चय की कमी — जब हम अपने मूल्य को न पहचानें, तो दूसरों की ओर देखते हैं। पर याद रखो, आत्मा का असली मूल्य प्रभु से ही है।

🌿 सच्चाई यह है
अपेक्षा स्वाभाविक है, लेकिन उस पर निर्भर रहना सही नहीं।

यदि प्रशंसा मिले — उसे प्रभु का आशीर्वाद समझो।
यदि न मिले — तो खुद को स्मरण कराओ:
“मेरा मूल्य प्रभु की नज़रों में है,
दुनिया की चुप्पी से उसमें कोई कमी नहीं आती।”
✨🙏

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