1. अष्टमी की रात 12 बजे के बाद अपने घर के मुख्य दरवाज़े पर शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इससे दुर्भाग्य दूर होता हैं।
2. किसी दुर्गा मंदिर में जाकर 8 कमल के फूल माता को अर्पित करें। इससे माता प्रसन्न होती हैं।
3. इस दिन किसी योग्य पंडित से दुर्गा सप्तशती का पाठ अपने घर में करवाएं। सुख-शांति बनी रहेगी।
4. किसी कुंवारी ब्राह्मण कन्या को उसकी पसंद के कपडे दिलवाएं व साथ ही कुछ उपहार भी दें।
5. 9 कन्याओं को अपने घर बुलाकर भोजन करवाएं। भोजन में खीर जरूर बनवाएं। बालिकाओं को उपहार भी दें।
6. 11 सुहागिनों स्त्रियों को लाल चूड़ियां व सिंदूर भेंट करें। इससे धन लाभ होने के योग बनते हैं।
7. माता के मंदिर में फल जैसे- केले, अनार, सेब आदि का भोग लगाएं। बाद में इन्हें गरीबों में बांट दें।
8. किसी देवी मंदिर में माता के श्रृंगार की पूरी सामग्री भेंट करें। इससे परेशानियां कम होगी।
9. पानी वाले नारियल को सिर से 3, 5, 7 अथवा 11 बार घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करने से मनचाही इच्छाएं पूरी होंगी।
10. महागौरी के स्वरूप को दूध से भरी कटोरी में विराजित कर चांदी का सिक्का चढ़ाएं। फिर सिक्के को धोकर हमेशा अपनी जेब में रखें। इससे धन आपके पास रुकने लगेगा।
11. पीपल के ग्यारह पत्ते लें । उन पर राम नाम लिखें पत्तों की माला बनाकर हनुमानजी को पहना दें। इससे सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं।
12. स्थिर लक्ष्मी प्राप्ति के लिए पान में गुलाब की 7 पंखुरियां रखकर तथा मां दुर्गा को अर्पित करें ।
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