Khubsurat Subah Muskurana Shayari

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मस्त नज़रों से देख लेना था, गर तमन्ना थी आज़माने की
तेरी निगाहों के यूँ ही कायल थे हम
क्या जरूरत थी नज़रे मिलाने की
हम तो बेहोश यूँ भी हो जाते,क्या ज़रूरत थी मुस्कुराने की!!

This picture was submitted by Sunil Sharma.

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