Maa Siddhidatri – Navratri ki Navami Devi

Maa Siddhidatri Navratri Ki Navami Devi

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🌸 माँ सिद्धिदात्री – नवरात्रि की नवमी देवी 🌸

नवरात्रि के नवें और अंतिम दिन माँ दुर्गा का नौवाँ स्वरूप माँ सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है।
वे सभी अष्ट सिद्धियों और नव निधियों की दात्री मानी जाती हैं।
शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने भी सिद्धियाँ इन्हीं की कृपा से प्राप्त कीं और अर्धनारीश्वर रूप में प्रकट हुए।

✨ स्वरूप वर्णन

माँ सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान रहती हैं, कभी सिंह पर भी।

उनके चार हाथ हैं —

एक हाथ में गदा

दूसरा हाथ चक्र

तीसरे हाथ में शंख

चौथा हाथ कमल पुष्प धारण किए हुए।

उनका स्वरूप अत्यंत शांत, सौम्य और दिव्य आभा से युक्त है।

📿 माँ सिद्धिदात्री मंत्र
ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः ॥

🌼 भावार्थ
हे सिद्धियों की प्रदायिनी माँ, आपको प्रणाम।
आप ही भक्तों को आध्यात्मिक और सांसारिक सिद्धियाँ प्रदान करती हैं।
आपके चरणों में शरण लेने वाला साधक हर प्रकार से पूर्ण हो जाता है।

🌟 आराधना का महत्व और लाभ

माँ सिद्धिदात्री की कृपा से आठों सिद्धियाँ (अनिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व, वशित्व) प्राप्त होती हैं।

भक्त के जीवन से सभी कष्ट और दुर्भाग्य दूर हो जाते हैं।

वे साधक को भक्ति, शक्ति, ज्ञान और मोक्ष प्रदान करती हैं।

जीवन में आध्यात्मिक उन्नति और आत्मिक संतोष मिलता है।

💖 भक्ति शायरी
सिद्धियों की दात्री माँ का दरबार,
भक्तों के जीवन में करतीं उद्धार।
सुख, शांति और मोक्ष की ज्योति,
सिद्धिदात्री माँ हैं सबकी संजीवनी शक्ति।

🙏 प्रार्थना
हे माँ सिद्धिदात्री,
मुझे अपनी शरण में लेकर मेरा जीवन सफल करें।
मेरे भीतर भक्ति और शक्ति का संचार करें,
और मुझे सच्चे मार्ग पर चलने की प्रेरणा दें।

🪔
माँ सिद्धिदात्री की आराधना करने से
नवरात्रि की साधना पूर्ण होती है और
भक्त को सिद्धि, शक्ति और मोक्ष का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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