Maa Skandamata – Navratri Ki Pancham Devi

Maa Skandamata Navratri Ki Pancham Devi

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🌸 माँ स्कन्दमाता – नवरात्रि की पंचम देवी 🌸

नवरात्रि के पाँचवे दिन माँ दुर्गा के स्कन्दमाता स्वरूप की उपासना की जाती है।
वे भगवान कार्तिकेय (स्कन्द) की माता हैं, इसलिए इन्हें स्कन्दमाता कहा जाता है।

✨ स्वरूप वर्णन
माँ स्कन्दमाता का रंग अत्यंत शांत और तेजस्वी है।
वे सिंह पर आरूढ़ रहती हैं, जो उनके शौर्य और पराक्रम का प्रतीक है।
उनके चार हाथ हैं —

दो हाथों में कमल पुष्प

एक हाथ में बाल स्कन्द (कार्तिकेय)

और चौथा हाथ आशीर्वाद मुद्रा में।

इसलिए माँ को सिंहवाहिनी और पद्मासना – दोनों स्वरूपों में पूजते हैं।

📿 माँ स्कन्दमाता मंत्र
ॐ देवी स्कन्दमातायै नमः ॥

🌼 भावार्थ
हे भगवान कार्तिकेय की माता, आपको नमन है।
आप ही भक्तों को सुख, शांति और मोक्ष प्रदान करती हैं।

🌟 आराधना का महत्व और लाभ

माँ की कृपा से संतान सुख और सुरक्षा मिलती है।

जीवन के विघ्न और शत्रु बाधाएँ नष्ट होती हैं।

घर-परिवार में शांति और समृद्धि आती है।

आत्मा को मोक्ष का मार्ग प्राप्त होता है।

💖 भक्ति शायरी
सिंहवाहिनी माँ का तेज निराला,
स्कन्द की माता, जगत की रखवाला।
भय हर लेतीं, सुख बरसातीं,
भक्तों के जीवन को मोक्ष दिलातीं।

🙏 प्रार्थना
हे माँ स्कन्दमाता!
आपके चरणों में बैठकर मैं यही निवेदन करता हूँ —
मेरे मन को शांति दें, जीवन में साहस दें,
और मेरे परिवार को आपकी असीम कृपा का संरक्षण मिले।

🪔
माँ स्कन्दमाता की आराधना करने से भक्त का जीवन
कमल की तरह निर्मल, सुगंधित और प्रकाशमय हो जाता है।

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