Mahavir Jayanti Shubhkamna Shayari

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गुनी जनों को देख ह्रदय में मेरे प्रेम उमड़ आवे
बने जहाँ तक उनकी सेवा करके यह मन सुख पावे
होऊ नहीं कृतघ्न कभी में द्रोह न मेरे उर आवे
गुण ग्रहण का भाव रहे नित दृष्टी न दोषों पर जावे ||
महावीर जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ

This picture was submitted by Smita Haldankar.

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