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🌸 पुत्रदा एकादशी व्रत कथा एवं माहात्म्य 🌸
🗓 तिथि व महत्व
पौष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहते हैं।
इस दिन नारायण भगवान की पूजा की जाती है।
यह व्रत पुत्र सुख प्रदान करने वाला, पितरों का ऋण चुकाने वाला और दोनों लोकों में यश देने वाला माना गया है।
📖 व्रत कथा
एक समय की बात है। भद्रावती नगरी में सुकेतुमान नामक राजा राज्य करता था। उसकी रानी का नाम शैव्या था।
राजा के पास सब सुख-सुविधाएँ थीं — धन, हाथी, घोड़े, मंत्री और बड़ा राज्य, लेकिन कोई संतान नहीं थी।
पुत्र न होने के कारण राजा और रानी सदैव दुखी रहते थे।
राजा सोचता – “मेरे जाने के बाद पितरों को कौन पिंडदान करेगा? बिना संतान के घर अंधकारमय रहता है।”
वह इतना व्याकुल हुआ कि एक दिन वन की ओर चला गया।
वन में विचरते हुए राजा को एक सुंदर सरोवर दिखाई दिया। सरोवर के चारों ओर ऋषियों के आश्रम थे।
राजा ने मुनियों को प्रणाम किया। मुनियों ने कहा –
“हे राजन! आज संतान देने वाली पुत्रदा एकादशी है। हम विश्वदेव मुनि यहाँ स्नान करने आए हैं। बताओ, तुम्हारी क्या इच्छा है?”
राजा ने हाथ जोड़कर विनम्रतापूर्वक कहा –
“मुनिवर! मेरे संतान नहीं है। यदि आप प्रसन्न हों तो मुझे संतान का वरदान दीजिए।”
मुनियों ने उत्तर दिया –
“हे राजन! आज पुत्रदा एकादशी का व्रत करो। इस व्रत की महिमा अपरंपार है। इससे तुम्हें अवश्य ही संतान प्राप्त होगी।”
राजा ने उसी दिन पूरे विधि से व्रत किया और द्वादशी को विधिपूर्वक पारण किया।
कुछ समय पश्चात रानी शैव्या ने गर्भ धारण किया और समय आने पर एक वीर, यशस्वी और प्रजापालक पुत्र को जन्म दिया।
🌼 भावार्थ
– यह कथा हमें सिखाती है कि सच्ची श्रद्धा और नियमपूर्वक व्रत करने से संतान-सुख प्राप्त होता है।
– पुत्रदा एकादशी केवल संतान की प्राप्ति के लिए ही नहीं, बल्कि पितरों की शांति और लोक-परलोक के कल्याण का भी साधन है।
🌸 व्रत के लाभ
🔹 संतान-सुख की प्राप्ति
🔹 पितरों का तर्पण और शांति
🔹 यश, समृद्धि और संतोष
🔹 विष्णुधाम की प्राप्ति
🔹 शास्त्रों के अनुसार इस व्रत का फल अनंत कल्पों तक स्थायी है
📚 ग्रंथ-संदर्भ
– पद्म पुराण – एकादशी माहात्म्य
– भविष्य पुराण
🙏 उपसंहार
🌿
“पुत्रदा एकादशी व्रत करने से संतान की प्राप्ति होती है और लोक-परलोक दोनों सुधर जाते हैं।
इस व्रत की कथा को जो सुनता या पढ़ता है, वह अंत में स्वर्गलोक को प्राप्त होता है।”
✨ जय श्रीहरि विष्णु ✨
पुत्रदा एकादशी की शुभकामनाएँ

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