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🌼 रविवार व्रत कथा (सूर्यदेव)
📅 तिथि व महत्व
रविवार का व्रत भगवान सूर्यदेव को समर्पित है।
यह व्रत सभी मनोकामनाएँ पूर्ण करने वाला और सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति तथा शत्रु-भय से सुरक्षा प्रदान करने वाला माना जाता है।
🙏 व्रत विधि
– प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर घर-आंगन स्वच्छ करें।
– सूर्य भगवान को जल अर्पित करें और लाल फूल, लाल वस्त्र, गुड़, गेहूं चढ़ाएँ।
– व्रत कथा सुनें और सूर्य भगवान को नैवेद्य अर्पित करें।
– व्रती दिनभर निराहार रहकर एक समय फलाहार करें।
– शाम को सूर्यदेव के समक्ष दीपक जलाकर आरती करें।
📖 व्रत कथा
प्राचीन समय में एक बुढ़िया नियमित रूप से रविवार का व्रत करती थी। सूर्य भगवान की कृपा से उसका घर धन-धान्य से भरने लगा। उसकी पड़ोसन ईर्ष्या करने लगी और चालाकी से उसके आँगन से सोने का गोबर उठाकर स्वयं धनी बनने लगी।
सूर्य भगवान ने आंधी चलाकर बुढ़िया को सच का ज्ञान कराया और अंततः उसके घर धन-समृद्धि भर दी। बाद में राजा ने भी लालचवश गाय को ले लिया, परंतु सूर्य भगवान ने स्वप्न में उसे चेतावनी दी। राजा भयभीत होकर गाय-बछड़ा लौटाने के साथ बुढ़िया से क्षमा माँगने लगा।
इसके बाद राजा ने पूरे राज्य में रविवार व्रत का प्रचार कराया, जिससे सभी के जीवन में सुख-समृद्धि आ गई।
✨ व्रत का फल व लाभ
– शारीरिक रोगों से मुक्ति और आरोग्य की प्राप्ति।
– धन, धान्य और समृद्धि की वृद्धि।
– संतान सुख और घर में मंगल का वास।
– शत्रुओं से रक्षा और मान-सम्मान की वृद्धि।
– सूर्यदेव की कृपा से दीर्घायु और तेजस्विता।
🌸 निष्कर्ष
रविवार व्रत भगवान सूर्यदेव की अनुकम्पा प्राप्त करने का श्रेष्ठ साधन है।
इस व्रत को करने और कथा सुनने से जीवन के सभी दुःख दूर होते हैं और भक्त के घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।
🌞 रविवार व्रत शुभकामनाएँ

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Tag: Smita Haldankar