Good Morning | Birthday | Festivals | Day Wishes | God | Shayari | Quotes
Download Image
ॐ श्री सूर्य देवाय नमः शुभ प्रभात दिवस
हे परम पिता परमात्मा, हे अन्धकार से ज्योति की ओर ले जाने वाले है,
असत्य से सत्य की ओर ले जाने वाले. हे मृत्यु से अमृत की ओर ले जाने वाले,
हे देवलोक के सूर्य, हे आध्यात्मिक जगत के सिरमौर, हे पूर्ण पुरुष धर्म,
हे एकमात्र सत्य और उपास्य हम आपकी शरण में हैं हमारा उद्धार करिये।
Download Image
शुभ प्रात: ॐ सूर्य देवाय नमः
हे! सूर्य देव, मेरे अपनो को
यह पैगाम देना, खुशियों का दिन
हँसी की शाम देना, जब कोई पढे प्यार से
मेरे इस पैगाम को, तो उन को चेहरे पर
प्यारी सी मुस्कान देना।
Download Image
प्रातः वंदन
त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बंधुश्व सखा त्वमेक
त्वमेव विद्या द्रविडम त्वमेव, त्वमेव सर्वम् मम देव देवा.
अर्थ: आप ही माता है, आप ही पिता है, आप ही बंधु हैं
और आप ही सखा हैं, आप ही विद्या है और आप ही धन है,
हे देव आप मेरे सर्वेसर्वा है! सब जग ईश्वररूप है.
Download Image
शुभ प्रभात ॐ आदित्याय नमः ॐ सूर्य देवाय नमः
एको धर्मः परं श्रेयः क्षमैका शान्तिरुत्तमा |
विद्यैका परमा दृष्टिरहिंसैका सुखावहा ||
भावार्थ -अकेले धर्माचरण से ही परम मोक्ष प्राप्त होता है और
केवल धर्म-मार्ग ही परम कल्याणकारी है, केवल क्षमा ही शांति का सर्वश्रेष्ठ उपाय है, केवल ज्ञान ही परम संतोषकारी है तथा केवल अहिंसा ही सुख प्रदान करने वाली है ।
Download Image
शुभ प्रभात ॐ सूर्याय नमः
ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्।
सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।
Download Image
शुभ प्रभात शुभ रविवार
ॐ आदित्याय विद्महे, प्रभाकराय, धीमहि तन्नो सूर्यः प्रचोदयात्।।
आपके दुःखों की सारी बातें पुरानी हो जाएं,
दे जाए इतनी खुशियां ये रविवार आपको, कि
खुशी भी आपकी मुस्कुराहट की दीवानी हो जाए…
Download Image
शुभ प्रभात ॐ सूर्याय नमः
एही सूर्य! सहस्त्रांशों! तेजो राशे! जगत्पते!
अनुकंप्यम मां भक्त्या गृहाणार्घय दिवाकर:।
Download Image
ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्षँ शान्ति:,
पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:।
वनस्पतय: शान्तिर्विश्वे देवा: शान्तिर्ब्रह्म शान्ति:,
सर्वँ शान्ति:, शान्तिरेव शान्ति:, सा मा शान्तिरेधि॥
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
भावार्थ :
शान्ति: कीजिये, प्रभु त्रिभुवन में, जल में, थल में और गगन में
अन्तरिक्ष में, अग्नि पवन में, औषधि, वनस्पति, वन, उपवन में
सकल विश्व में अवचेतन में!
शान्ति राष्ट्र-निर्माण सृजन में, नगर, ग्राम में और भवन में
जीवमात्र के तन में, मन में और जगत के हो कण कण में
ॐ शान्ति: शान्ति: शान्ति:॥
This picture was submitted by Smita Haldankar.
Tag: Smita Haldankar
Follow us at
Recent Posts