Shubh Shukrawar Mahalakshmi Mata

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🌸 शुभ शुक्रवार – जय महालक्ष्मी माता! 🌸

📿 मंत्र:
महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं सुरेश्वरी।
हरिप्रिये नमस्तुभ्यं, नमस्तुभ्यं दयानिधे॥

🌼 भावार्थ:

हे महालक्ष्मी माता, आपको बारंबार प्रणाम।
आप समस्त देवताओं की अधिष्ठात्री हैं,
भगवान विष्णु की परम प्रिया हैं,
और अनंत करुणा की सागर हैं।

यह श्लोक भक्त के हृदय में श्रद्धा और नम्रता का भाव जगाता है।
माँ लक्ष्मी को “सुरेश्वरी” कहा गया है,
क्योंकि वे देवताओं की अधिष्ठात्री शक्ति हैं —
जो समस्त संसार में धन, ऐश्वर्य और मंगल का संचार करती हैं।
वहीं “हरिप्रिया” कहने का अर्थ है कि
वे स्वयं भगवान विष्णु की अर्धांगिनी हैं,
जो धर्म और समृद्धि के संतुलन की आधारशिला हैं।

🌸 विस्तार:

शुक्रवार का यह दिन माँ महालक्ष्मी के स्मरण के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
जो भक्त सच्चे मन से यह श्लोक पढ़ता या जप करता है,
उसके जीवन से नकारात्मकता दूर होती है,
और घर में शुभता, सौभाग्य और समृद्धि का प्रकाश फैलता है।

माँ का आशीर्वाद केवल धन नहीं देता,
बल्कि जीवन में संयम, विवेक और संतोष भी प्रदान करता है।
वे वही लक्ष्मी हैं जो धर्म के साथ रहती हैं,
और वहीं वास करती हैं जहाँ सच्ची सेवा, स्वच्छता और श्रद्धा हो।

🌟 संदेश:

माँ महालक्ष्मी हमें सिखाती हैं कि
धन का अर्थ केवल संपत्ति नहीं,
बल्कि सच्चे कर्म, करुणा और संतुलन में है।
जो मनुष्य अपने कर्तव्यों में सच्चा और दूसरों के प्रति दयालु है,
वही माँ की कृपा का वास्तविक अधिकारी है।

🌺 जय महालक्ष्मी माता!
✨ आपकी कृपा से हर घर में शांति, सौभाग्य और समृद्धि का वास हो।
🙏 शुभ शुक्रवार!

This picture was submitted by Smita Haldankar.

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