Ramzan Shayari

रमजान शायरी

सदा हँसते रहो जैसे हँसते हैं फूल
दुनिया के सारे ग़म तुम्हें जाए भूल
चारो तरफ फैलाओं खुशियों के गीत
इसी उम्मीद के साथ मुबारक हो तुम्हें रमज़ान।

रमज़ान आया है, रमज़ान आया है
रहमतों की बरकतों का महीना आया है
लूट लो नेकियाँ जितना लूट सकते हो
पूरे एक साल में ये ऑफर का महीना आया हैं।

सदा हँसते रहो जैसे हँसते हैं फूल
दुनिया के सारे ग़म तुम्हें जाए भूल
चारो तरफ फैलाओं खुशियों के गीत
इसी उम्मीद के साथ मुबारक हो तुम्हें रमज़ान ।

रात को नया चाँद मुबारक
चाँद को चांदनी मुबारक
सितारों को बुलंदी मुबारक
और आप सब को हमारी तरफ से
रमज़ान मुबारक

आसमां पे नया चाँद है आया
सारा आलम ख़ुशी से जगमगाया
हो रही है सहर-ओ-इफ्तार की तैयारी
सज रही है दुआओं की सवारी
पूरे हो आपके हर दिल के अरमान
मुबारक हो आप सब को प्यारा रमज़ान

रमज़ान का चाँद दिखा रोज़े की दुआ मांगी,
रोशन सितारा दिखा आप की खैरियत की दुआ मांगी,
आप सभी को रमज़ान मुबारक

रमज़ान में हो जाए सबकी मुराद पूरी,
मिले सबको ढेरों खुशियां,
ना रहे कोई इच्छा अधूरी,
आप सभी को रमज़ान मुबारक.

चाँद से रोशन हो रमज़ान तुम्हारा,
इबादत से भर जाए रोज़ा तुम्हारा,
हर नमाज़ हो कबूल आपकी
बस यही दुआ है खुदा से हमारी
आप सभी को रमज़ान मुबारक.

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