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Worker Day Shayari Images ( कामगार दिवस शायरी इमेजेस )
मजदूर अपना कर्म करता जरूर हैं,
इसलिए देश को उस पर गुरूर हैं.
हाथो में लाठी हैं,
मजबूत उसकी कद-काठी हैं,
हर बाधा वो कर देता हैं दूर,
दुनिया उसे कहती हैं मजदूर.
परेशानियाँ बढ़ जाए तो इंसान मजबूर होता हैं,
श्रम करने वाला हर व्यक्ति मजदूर होता हैं.
किसी को क्या बताये कि कितने मजबूर हैं हम,
बस इतना समझ लीजिये कि मजदूर हैं हम.
जिन्दगी दिन-प्रतिदिन मजदूर हुई जा रही हैं,
और लोग ‘इंजिनियर साहब’ कहके ताने दिए जा रहे हैं.
अमीरी में अक्सर अमीर अपनी सुकून को खोता हैं,
मजदूर खा के सूखी रोटी बड़े आराम से सोता हैं.
किसी को क्या बताये कि कितने मजबूर हैं हम,
बस इतना समझ लीजिये कि मजदूर हैं हम.
मैं मजदूर हूँ मजबूर नहीं,
यह कहने में मुझे शर्म नहीं,
अपने पसीने की खाता हूँ,
मैं मिटटी को सोना बनाता हूँ.
होने दो चरागाँ महलों में
क्या हम को अगर दीवाली हैं,
मजदूर हैं हम मजदूर हैं हम
मजदूर की दुनिया काली हैं.
-जमील मजहरी
आने वाले जाने वाले के लिए,
आदमी मजदूर हैं राहें बनाने के लिए.
-हफ़ीज जालंधरी
सो जाता हैं फुटपाथ पे अखबार बिछा कर,
मजदूर कभी नींद की गोली नहीं खाता.
-मुनव्वर राना
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