Maa Durga Vachan – Bhavpoorna Vistarit Amrit Vaani

🔴 माँ दुर्गा वचन – विस्तार सहित

Maa Durga Vachan Bhavpoorna Vistarit Amrit Vaani

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1.
“शक्ति वही है, जो धर्म की रक्षा में लगे।”
🌿 भावार्थ :
माँ दुर्गा का यह संदेश बताता है कि
बल का उपयोग केवल सेवा, रक्षा और धर्म के मार्ग में होना चाहिए।
– जब शक्ति में करुणा और सत्य का मेल हो,
तब वह सच्ची देवी शक्ति कहलाती है।

Maa Durga Bhay Mukt Vachan

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2.
“भय वहाँ मिटता है, जहाँ विश्वास जागता है।”
🌿 भावार्थ:
माँ का स्मरण मन को साहस देता है और असुरक्षा दूर करता है।
जैसे अंधेरे में दीप, वैसा विश्वास संकट में मार्ग दिखाता है।
विश्वास बढ़े, तो भय अपने-आप क्षीण हो जाता है।

3.
“साहस वही, जो निराशा में भी आशा जगाए।”
🌿 भावार्थ:
कठिन समय में हार नहीं, हिम्मत चुनना ही देवी-शक्ति है।
माँ का नाम लेकर उठना, प्रयास दोहराना—यही विजय का आरंभ है।
आशा जगाओ, राह अपने-आप बनती है।

4.
“अडिग संकल्प ही विजय का प्रथम अस्त्र है।”
🌿 भावार्थ:
लक्ष्य पर टिके रहना शक्ति को दिशा देता है।
डर, टाल-मटोल और भ्रम संकल्प से ही हारते हैं।
जहाँ दृढ़ता है, वहीं माँ का आशीष परिणाम देता है।

5.
“क्रोध में लिया निर्णय, बुद्धि पर आघात है।”
🌿 भावार्थ:
क्रोध दृष्टि धुंधला करता है; तब भूल बढ़ती है, समाधान नहीं।
माँ संयम और शांति सिखाती हैं—पहले मन थामो, फिर कदम बढ़ाओ।
संयमित शक्ति ही सच्ची देवी-शक्ति है।

6.
“जो दूसरों के उत्थान में लगे, माँ उसी को अपनी शक्ति देती हैं।”
🌿 भावार्थ:
निःस्वार्थ सेवा ही माँ का प्रिय कार्य है।
जो अपने सामर्थ्य से किसी का भला करता है,
उसके प्रयास में माँ की कृपा स्वतः प्रवाहित होती है।

7.
“असली सौंदर्य विनम्रता और करुणा में है।”
🌿 भावार्थ:
रूप और बल क्षणिक हैं, पर विनम्रता चिरस्थायी है।
करुणा से जुड़ी शक्ति ही पूजनीय बनती है।
माँ के तेज में यही संतुलन झलकता है।

8.
“संकट से भागना कमजोरी है, उसे जीतना ही माँ का आशीष है।”
🌿 भावार्थ:
जीवन की चुनौतियों से मुँह मोड़ना पराजय है।
माँ सिखाती हैं कि डटकर सामना करने वाला ही विजेता कहलाता है।
यही साहस माँ की कृपा का संकेत है।

9.
“सत्य और शक्ति का संगम ही विजय का मार्ग है।”
🌿 भावार्थ:
शक्ति जब सत्य से जुड़ती है,
तो उसका प्रभाव कल्याणकारी होता है।
माँ की विजय इसी पवित्र संगम का प्रतीक है।

10.
“शक्ति का उद्देश्य निर्माण है, विनाश नहीं।”
🌿 भावार्थ:
देवी शक्ति सृजनशील है—अधर्म का अंत और धर्म की स्थापना।
शक्ति का सर्वोत्तम प्रयोग समाज और जीवन के उत्थान में है।

11.
“भक्ति में धैर्य उतना ही आवश्यक है, जितना शक्ति में साहस।”
🌿 भावार्थ:
कृपा पाने में समय लग सकता है।
धैर्य साधक को स्थिर रखता है और माँ के आशीर्वाद को गहरा करता है।
बिना धैर्य भक्ति अधूरी है।

12.
“जो अपने भय पर विजय पा ले, वह माँ का प्रिय योद्धा है।”
🌿 भावार्थ:
भय हमें जकड़ता है और आगे बढ़ने से रोकता है।
माँ के स्मरण से यह जकड़न टूटती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
निडर हृदय ही सच्चा साधक है।

13.
“त्याग से बड़ी कोई साधना नहीं।”
🌿 भावार्थ:
स्वार्थ छोड़कर सेवा करना ही उच्चतम भक्ति है।
त्याग आत्मा को हल्का करता है और कृपा का मार्ग खोलता है।

14.
“अंधकार में दीपक जलाना ही सच्ची सेवा है।”
🌿 भावार्थ:
दुखी को सहारा, निराश को उम्मीद और अज्ञानी को ज्ञान देना
माँ की सबसे प्रिय सेवा है।
यही सच्ची भक्ति है।

15.
“आत्मविश्वास ही शक्ति का पहला रूप है।”
🌿 भावार्थ:
जब मन में विश्वास होता है, तब ही साहस जन्म लेता है।
माँ चाहती हैं कि भक्त अपनी क्षमता पहचानकर आगे बढ़े।

16.
“विजय का पहला कदम है — स्वयं पर विजय।”
🌿 भावार्थ:
आलस्य, क्रोध, मोह और भय—ये भीतर के शत्रु हैं।
जो इन्हें हरा दे, उसके लिए बाहरी विजय सरल हो जाती है।

17.
“माँ उसी को आशीर्वाद देती हैं, जो दूसरों को आशीर्वाद देता है।”
🌿 भावार्थ:
जो सबके लिए शुभकामना रखता है,
उसका जीवन भी शुभ और मंगलमय बन जाता है।

18.
“करुणा रहित शक्ति, राक्षस का रूप ले लेती है।”
🌿 भावार्थ:
शक्ति का मूल्य तभी है जब उसमें दया हो।
करुणा शक्ति को देवत्व प्रदान करती है,
वरना वह विनाशक बन जाती है।

19.
“माँ का स्मरण करने वाला असफलता से नहीं डरता।”
🌿 भावार्थ:
भक्ति साधक को सहनशील बनाती है।
वह असफलता को भी सीख मानकर आगे बढ़ता है।

20.
“साहस, सत्य और सेवा — यही देवी शक्ति का स्वरूप है।”
🌿 भावार्थ:
अन्याय के विरुद्ध साहस, जीवन में सत्य और सभी के लिए सेवा भाव—
इन तीनों में ही माँ दुर्गा का सम्पूर्ण स्वरूप समाहित है।

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