Pratah Vandan Jai Siyaram

Pratah Vandan Jai Siyaram
Download Image
बड़े भाग मानुष तन पावा | सुर दुर्लभ सद् ग्रन्थन्हि गावा ||
साधन् धाम मोक्ष कर द्वारा | पाई न जेहिं परलोक सँवारा ||
सो परत्र दुख पावइ सिर धुनि धुनि पछिताइ।
कालहि कर्महि ईस्वरहि मिथ्या दोष लगाइ।।
अर्थात मनुष्य कि शरीर बड़े हि भाग्य से प्राप्त होती क्योंकि मानव शरीर पाना देवताओं के लिए भी दुर्लभ होता है अर्थात मानव शरीर के लिए देवता गण भी तरसते रहते हैं – लालायित रहते हैं | ऐसा इसलिए कि मानव शरीर एक ऐसा शरीर है जो जीव को मोक्ष के दरवाजे तक पहुँचाने के लिए समस्त मोक्ष साधनों का धाम या घर है | इस मानव शरीर को पाकर भी जो मनुष्य अपना परलोक सँवार नहीं लेता यानी अपने जीव का उद्धार तथा मुक्ति-अमरता न पा लेता वही वहाँ परलोक में और यहाँ लोक में अपार दु:ख कष्ट पाता है |

This picture was submitted by Sunil Sharma.

More Pictures

  • Krishna Shubh Prabhat
  • Pratah Vandan Shankar Image
  • Pratah Vandan Om Namah Shivay
  • Pratah Vandan Shiv Stuti Mantra
  • Pratah Vandan On Shri Surya Devay Namah
  • Shubh Pratah Vandan Ramcharit Manas Choupai

Leave a comment