Saibaba Vachan No.11

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साईं बाबा ग्यारहवां वचन:
‘धन्य धन्य व भक्त अनन्य , मेरी शरण तज जिसे न अन्य.’
– साईं बाबा कहते हैं कि मेरे वो भक्त धन्य हैं जो अनन्य भाव से मेरी भक्ति में लीन हैं. ऐसे ही भक्त वास्तव में भक्त हैं.

This picture was submitted by Gumani Rabidas.

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