शायरी दोस्ती की तारीफ

भरी महफिल मे दोस्ती का ज़िक्र हुआ
हमने तो सिर्फ आप की ओर देखा और लोग वाह – वाह कहने लगे..

मिलना बिछङना सब किस्मत का खेल है…
कभी नफरत तो कभी दिलों का मेल है…
बिक जाता है हर रिश्ता दुनिया में…
सिर्फ दोस्ती ही यहॉ नॉट फार सेल है

यू मुश्किलों में साथ देते हैं दोस्त,
क्यू गम को बॉट लेते हैं दोस्त,
न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है,
फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं दोस्त…

दोस्ती इक रिश्ता-ए-ख़ास है
आज़ादी का पेहला एहसास है
ईश्वर बान्ध कर भेजता है हर बन्धन
जिसे हम बान्धते हैं दोस्ती वो गॉठ है

वो कहते हैं जमीन पर किसी को खुदा नहीं मिलता, शायद उन लोगों को दोस्त कोई तुम सा नहीं मिलता

दोस्ती शायरी दो लाइन

खींच कर उतार देते हैं उम्र की चादर…
ये कम्बख्त दोस्त…
कभी बूढ़ा नही होने देते

उसने पूछा है दोस्त का मतलब
सोचता हूँ दोस्त, आैर मतलब

मुझसे दोस्त नही बदले जाते, चाहे लाख दूरी होने पर
यहां लोगों के भगवान बदल जाते हैं, ऐक मुराद ना पूरी होने पर

प्यार से तो बङा होता है दोसती का रिशता
क्यूकि दोस्त कभी बेवफा नही होते

मिलकर लोग खुश होते है तो क्या हुआ,
बिना मिले दोस्ती निभाना भी जिन्दगी है

देखी जो नब्ज मेरी तो हँस कर बोला हकीम,
तेरे मर्ज़ का इलाज महफ़िल है तेरे दोस्तों की।

दोस्ती किस से न थी किस से मुझे प्यार न था,
जब बुरे वक़्त पे देखा तो कोई यार न था।

तूफानों ​की दुश्मनी से न बचते तो खैर थी​,
​साहिल से दोस्तों के भरम ने डुबो दिया​।

दोस्ती की मिसाल शायरी

दोस्ती एक मिसाल है जहाँ कोई सरहद नहीं होती; ये वो शहर है जहाँ इमारतें नहीं होती; यहाँ तो सब रास्ते एक-दूसरे के निकलते हैं; ये वो अदालत है जहाँ कोई शिकायत नहीं होती।

किस कदर शुक्रिया करू उस खुदा का
अल्फ़ाज़ नहीं मिलते
जिंदगी इतनी खूसबसूरत ना होती
जो आप जैसे दोस्त नहीं मिलते

तुफान में कश्‍तियों को किनारे भी मिल जाते हैं
जहान में लोगों को सहारे भी मिल जाते हैं
दुनिया में सबसे प्‍यारी है जिंदगी
कुछ आप जैसे दोस्‍त जिंदगी से भी प्‍यारे मिल जाते हैं

आसमान हमसे नाराज हैं
तारों का गुस्सा भी बेहिसाब है
मुझसे जलते हैं ये सब क्योंकि
चाँद से बेहतर दोस्त जो मेरे साथ हैं.

ज़िन्दगी लहर थी आप साहिल हुए,
न जाने कैसे हम आपकी दोस्ती के काबिल हुए,
न भूलेंगे हम उस हसीं पल को,
जब आप हमारी छोटी सी ज़िन्दगी में शामिल हुए.

दोस्ती एक मिसाल है जहाँ कोई सरहद नहीं होती; ये वो शहर है जहाँ इमारतें नहीं होती; यहाँ तो सब रास्ते एक-दूसरे के निकलते हैं; ये वो अदालत है जहाँ कोई शिकायत नहीं होती।

दोस्तों की यादें शायरी

दोस्तों की याद हर पल सताती हैं
वो गुजरें पल वो मस्ती बहुत याद आती हैं
हम तो फिर जीना चाहतें हैं उन पलोको
पर हसीन जिंदगी फिर कहाँ लौटके आती हैं

कुछ सालों बाद न जाने क्‍या समां होगा
न जाने कौन दोस्‍त कहां होगा
फिर मिलना हुआ तो मिलेगें यादों में
जैसे सूखे गुलाब मिलते हैं किताबों में

यादों के सहारे ये दुनिया नही चलती, बिना किसी शायर के महफ़िल नहीं हिलती, एक बार पुकारो तो आएं यारो, क्योंकी दोस्तों के बिना ये धड़कने नही चलती।

काश वो पल साथ बिताए ना होते,
तो आँखों में ये आँसू आए ना होते,
जिनसे रहा ना जाए एक पल भी दूर,
काश ऐसे प्यारे दोस्त बनाए ना होते।

यादों के भंवर में एक पल हमारा हो,
खिलते चमन में एक गुल हमारा हो,
जब याद करें आप अपने दोस्तों को,
उन नामों में बस एक नाम हमारा हो।

दोस्ती का अजीब कारोबार हमने बनाया,
वो बेपरवाह सही लेकिन याद हमने किया,
वो भूल गए याद करना तो मत कहो बुरा उनको,
कसूर उनका नहीं इंतज़ार हमने किया.

मेरे अल्फाजों को इतने ध्यान से ना पढ़ो मेरे दोस्त
कुछ याद आ गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!