Hindi Diwas Poems


✐ हिन्दी मेरे रोम-रोम में,
हिन्दी में मैं समाई हूँ,
हिन्दी की मैं पूजा करती,
हिन्दोस्तान की जाई हूँ……
सबसे सुन्दर भाषा हिन्दी,
ज्यों दुल्हन के माथे बिन्दी,
सूर, जायसी, तुलसी कवियों की,
सरित-लेखनी से बही हिन्दी……

हिन्दी से पहचान हमारी,
बढ़ती इससे शान हमारी,
माँ की कोख से जाना जिसको,
माँ,बहना, सखि-सहेली हिन्दी……
निज भाषा पर गर्व जो करते,
छू लेते आसमाँ न डरते,
शत-शत प्रणाम सब उनको करते,
स्वाभिमान….. अभिमान है हिन्दी…
हिन्दी मेरे रोम-रोम में,
हिन्दी में मैं समाई हूँ,
हिन्दी की मैं पूजा करती,
हिन्दोस्तान की जाई हूँ…
~ सुधा गोयल

✐ जन-जन की भाषा है हिंदी
भारत की आशा है हिंदी……
जिसने पूरे देश को जोड़े रखा है
वो मजबूत धागा है हिंद ……
हिन्दुस्तान की गौरवगाथा है हिंदी
एकता की अनुपम परम्परा है हिंदी…
जिसके बिना हिन्द थम जाए
ऐसी जीवनरेखा है हिंदी…
जिसने काल को जीत लिया है
ऐसी कालजयी भाषा है हिंदी…
सरल शब्दों में कहा जाए तो
जीवन की परिभाषा है हिंदी…
~ अभिषेक मिश्र

✐ हिंदुस्तानी हैं हम गर्व करो हिंदी भाषा पर,
उसे सम्मान दिलाना और देना कर्तव्य हैं हम पर।।
ख़त्म हुआ विदेशी शासन,
तोड़दो अब उन बेड़ियों को।।
खुले दिल से अपनाओ इस खुले आसमां को,
लेकिन ना छोड़ो धरती माँ के प्यार को।।
हिंदी हैं राष्ट्रभाषा हमारी,
इस पर करो जिन्दगी न्यौछावर सारी।।

✐ हिंदी हैं हम, वतन है हिन्दुस्तान हमारा,
कितना अच्छा व कितना प्यारा है ये नारा।
हिंदी में बात करें तो मूर्ख समझे जाते हैं।
अंग्रेजी में बात करें तो जैंटलमेल हो जाते।
अंग्रेजी का हम पर असर हो गया।
हिंदी का मुश्किल सफ़र हो गया।
देसी घी आजकल बटर हो गया,
चाकू भी आजकल कटर हो गया।
अब मैं आपसे इज़ाज़त चाहती हूँ,
हिंदी की सबसे हिफाज़त चाहती हूँ।।
~ दिविशा तनेजा

✐ प्यार मोहब्बत भरा है जिसमें
जिससे जुड़ी हर आशा है
मिसरी से भी मीठी है जो
वो हमारी हिंदी भाषा है।

यही वो भाषा है जिसको
बरसों से है सम्मान मिला
आज की जो जनजाति है
उसकी है ये आधारशिला,
जो भूल रहे इसके महत्त्व को
होती बहुत निराशा है
मिसरी से भी मीठी है जो
वो हमारी हिंदी भाषा है।

हिंदी में सुनाये लोरी माँ
भजन हिंदी में गाती है
यही तो वो भाषा है जो
पूरे देश को मिलाती है,
फले फूले ये आगे बढ़े
मेरे दिल की यही अभिलाषा है
मिसरी से भी मीठी है जो
वो हमारी हिंदी भाषा है।

प्यार मोहब्बत भरा है जिसमें
जिससे जुड़ी हर आशा है
मिसरी से भी मीठी है जो
वो हमारी हिंदी भाषा है।

✐ सब को जो जोड़ कर रखती
हिंदी भाषा प्यारी है।
अलग-अलग हैं धर्म यहाँ
हैं अलग-अलग कई भाषाएँ
आपस में बातें करने को
फिर भी सब हिंदी अपनाएं,
बहुत सभ्य यह भाषा है
लगती भी संस्कारी है
सब को जो जोड़ कर रखती
हिंदी भाषा प्यारी है।

रचे गये साहित्य इसी में
याचे गए इतिहास
हिंदी से ही होता है
अपनेपन का आभास,
सरे राष्ट्र की भाषा है ये
संस्कृत की बेटी दुलारी है
सब को जो जोड़ कर रखती
हिंदी भाषा प्यारी है।

सारे भारतवासी मिलकर
हिंदी का गुणगान करें
फर्ज हमारा यही है बनता
हिंदी का सम्मान करें,
हिंदी अपनाएं दिल से
इसी में समझदारी है
सब को जो जोड़ कर रखती
हिंदी भाषा प्यारी है।

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