The Home is the first and most important school your child will ever have

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अपने बच्चो के लिए अपना घर ही सबसे पहली और महत्वपूर्ण स्कूल हे
स्कूल में भेज के पढाई लिखाई सीखना ही शिक्षा देना नहीं है
बच्चोको अच्छा पोषण और उचित स्वास्थ्य देखभाल के अलावा, अपने बड़ो का स्नेह, ध्यान, उत्तेजना प्राप्त होना चाहिए.

बच्चे बड़े अनुकरणशील होते है.. हम बड़े जिस तरह व्यवहार करेंगे.. हमारे बच्चे हमारी कॉपी करेंगे क्योकि बच्चोका यह स्थाई स्वाभाव है. अगर माता पिता एक दूसरे से अच्छा व्यवहार नहीं करेंगे तो बच्चे यह देखते है और उनका स्वाभाव भी धीरे धीरे वैसा होता है. बल्कि बड़े लोग दया, सम्मान और धैर्य के साथ अन्य लोगों से पेश आते हैं, तो बच्चे उनके उदाहरण का पालन करेंगे।

बचो को स्कूल भेज कर हमारी जिम्मेदारी ख़त्म नहीं होती बल्कि और भी बढ़ जाती है क्युकी वे घर से बहार नए माहौल में जाते है. जब वे स्कूल से घर आते है तब हमे बच्चों के साथ बातचीत करनी चाहिए। जैसे की…
*आजका दिन कैसा रहा
*स्कूल में क्या पढ़ाया
*कोनसा टीचर कैसे पढ़ाती है
*दोस्तों के साथ क्या किया
*कोनसा विषय समझ में नहीं आया
इस तरह से हम अगर रोज बातचीत करेंगे तो बच्चे और स्कूल के प्रति जागरूक रहेंगे

अगर पढ़े लिखे माँ बाप हो तो बचो को ट्यूशन लगवाने की कोई जरुरत नहीं है
आप खुद १-२ घंटा अपने बच्चो को दीजिये… और उनका अभ्यास लेंगे तो वे बहोत खुश होकर पढाई करेंगे

कई माँ बाप की शिकायत होती है की बच्चे हमारे पास पढ़ते नहीं
लेकिन यह में नहीं मान सकती क्युकी आप अपनी और गौर कीजिये और देखिये की आप ही कही पे चुके हो तभी बच्चे आपके पास नहीं पढ़ते.

अगर कोई माँ बाप पढ़े लिखे न हो या फिर दूसरी जिम्मेदारी की वजह से पढाई न ले सके तो… इतना तो जरूर कीजियेगा सिर्फ बच्चोके से बातचीत कीजिये… जैसे की मैंने पहले बताया… अगर ट्यूशन लगवाते हो तो उसके बारे में भी पूछताछ करते रहिये… सिर्फ ट्यूशन लगवा देने से आपकी जिम्मेदारी ख़त्म नहीं हो जाती.
ट्यूशन में पढाई कैसे चल रही इसके बारे में भी रोज पूछ ताछ होनी चाहिए

बल्कि में ट्यूशन के खिलाफ हूँ… अगर माँ बाप अपने बच्चो के स्कूल की पढाई के बारे में जागरूक रहे तो कोई जरुरत नहीं ट्यूशन की… स्कूल में शिक्षक अच्छे से ही पढ़ाते है… अगर वे वैसा न करे तो उनकी नौकरी को खतरा हो सकता है क्युकी उनके ऊपर भी ध्यान देने वाले कई लोग है… इसलिए बच्चो की पढाई के बारे में स्कूल को दोषी ठहराना सरासर गलत बात है.

हमारे बच्चे ईश्वर की अनमोल देन है … इस भेंट को अच्छी तरह संभाले.

This picture was submitted by Smita Haldankar.

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