Vruddhashram Aur Anath Aashram Ko Ek Jagah Kar Dena Chahiye

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Respect_Ur_Parents…

अपने अनुभवों से….ये खूब समृध्द हैं….
उम्र के इस दौर में….कहलाते लेकिन वृध्द हैं….

इनकी आँख में….समय की गहराई है….
इनके माध्यम से इन्होंने….अपनी करूणा बहाई है….

इनके होठ यौवन की….उड़ान बतायेंगे….
कैसे छूते हैं आसमान….तरीके बतायेंगे….

इनकी बाहों में…प्रेम के आलिंगन हैं….
इनके हाथों में….आशीषों के कंगन हैं….

लोरियों की सरिता…ये ही तो बहाते हैं….
सपनों की सुनहरी….गोद में….सुलाते हैं….

रिश्तों से लबालब….गंगा में नहलाते हैं….
गरिमाओं से परिचय….ये ही तो कराते है….

मई हो या फिर….जून का माह….
देते हैं अपनी….शीतल छाँह….

समस्या भाँपती….इनकी निगाह….
सुझा देती….सुलभ सी राह….
दोस्तो….
न खिडकी और दरवाजा….
न रोशनदान कहते है….

घर के इन बडे बूजुर्गों क….
घर की शान कहते है….

न समझे इनकी मजबूरी….और….
इनको जो भी आँसू दे….

उसे इंसान की बस शक्ल मे….
…..शैतान कहते है….

मयस्सर है जिन्हे भी….
इन पुराने पेडो़ की छाया….

उन्हीं सबको तो किस्मत का….
बडा़ धनवान कहते है….

ये कोहीनूर….
हमको जो मिले है….वक्त से लेकिन….
इन्हें तो हम महज़ इक….
काँच का सामान कहते है….

इन्हीं अनमोल हीरों की कदर….
जिनको नही होती….

उन्हीं को नासमझ कहते है….
या नादान कहते है….
Parents Are God’s In Human Form….
Respect Ur Parents….Frnds….

This picture was submitted by Dipal Maru.

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