Rabindranath Tagore Jayanti Messages In Hindi

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‘गुरुदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर
ने हमें स्वतंत्र रहकर सोचने की ताकत के बारे में बताया।
साथ ही हमें “आजादी के स्वर्ग” का सपना लेने के लिए प्रेरित किया,
जहां हम बिना किसी डर के रह सकें और सिर उठा कर चल सकें॥”
-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी
भारतीय राष्ट्रगान के रचियता, विश्वविख्यात कवि, साहित्यकार, दार्शनिक और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित गुरुदेव श्री रबीन्द्रनाथ टैगोर
की जयंती पर शत्-शत् नमन

“प्रत्येक शिशु यह संदेश लेकर आता है कि
ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है।”
-रबीन्द्रनाथ ठाकुर
राष्ट्रगान के गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर जी की जयंती पर शत्-शत् नमन।

भारतीय संस्कृति में कायाकल्प करने वाले,
नोबेल पुरस्कार विजेता, विश्व प्रसिद्ध साहित्यकार,
भारतीय राष्ट्रीय गान के मूर्तिकार
रवींद्रनाथ टागोर जी की जयंती निमित्त विनम्र अभिवादन.

“आस्था वो पक्षी है जो भोर के अँधेरे में भी उजाले को महसूस करती है।”
-रबीन्द्रनाथ ठाकुर

श्रेष्ठ कवि,शांतिनिकेतन के संस्थापक,महान साहित्यकार, संगीतकार,
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित एवं राष्ट्रगान के रचयिता
गुरुदेव रवींद्रनाथ टागोर जी जयंती पर कोटि-कोटि प्रणाम।

महान साहित्यकार, महान देशभक्त
गुरूदेव रवींद्रनाथ टागोर जी को जन्मदिन पर
भावपूर्ण अभिवादन!

“मित्रता की गहराई परिचय की लम्बाई पर निर्भर नहीं करती।”
-रबीन्द्रनाथ ठाकुर

विश्व विख्यात कवि, राष्ट्रगान के रचयिता एवं नोबेल पुरस्कार विजेता
गुरुदेव रविंद्र नाथ टैगोर जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धापूर्वक नमन।

“मौत प्रकाश को ख़त्म करना नहीं है;
ये सिर्फ भोर होने पर दीपक बुझाना है।”
-रबीन्द्रनाथ ठाकुर
गुरुदेव श्री रबीन्द्रनाथ टैगोर की जयंती पर शत शत नमन।

विश्वविख्यात कवि, महान दार्शनिक, हमारे राष्ट्रगान के रचयिता
गुरुदेव श्री रवीन्द्र नाथ टैगोर जी की जयंती पर उन्हें सादर प्रणाम।

श्री रबीन्द्रनाथ टैगोर जी की जयंती पर नमन।

“फूल की पंखुड़ियों को तोड़ कर आप
उसकी सुंदरता को इकठ्ठा नहीं करते। ”
-रबीन्द्रनाथ ठाकुर

विश्वविख्यात कवि, महान साहित्यकार, दार्शनिक और
हमारे राष्ट्रगान के रचयिता गुरुदेव रविन्द्रनाथ टैगोर
की जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं

गुरुदेव रबीन्द्रनाथ जी टैगोर उन विरल साहित्यकारों में से एक हैं
जिनके साहित्य और व्यक्तित्व में अद्भुत साम्य है.
गुरुवर की जयंती पर उन्हें नमन।

“वे लोग जो अच्छाई करने में बहुत ज्यादा व्यस्त होते है,
स्वयं अच्छा होने के लिए समय नहीं निकाल पाते।”
-रबीन्द्रनाथ ठाकुर

“जो कुछ हमारा है वो हम तक तभी पहुचता है जब हम
उसे ग्रहण करने की क्षमता विकसित करते हैं। ”
-रबीन्द्रनाथ ठाकुर

This picture was submitted by Smita Haldankar.

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