Vishwakarma Jayanti Hindi Wishes, Messages Images ( विश्वकर्मा जयंती हिन्दी शुभकामना संदेश इमेजेस )
देवताओं के शिल्पकार भगवान विश्वकर्मा का वर्णन वेदों और पुराणों में किया गया है। देवी देवताओं के लिये अस्त्र-शस्त्रों का निर्माण करने वाले भगवान विश्वकर्मा ने इन्द्रपुरी, द्वारिका, हस्तिनापुर, स्वर्ग लोक और रावण की लंका का भी निर्माण किया था। आज पूरे देशभर में विश्वकर्मा जयंती मनाई जा रही है। विश्वकर्मा पूजा का कारोबारियों के लिए विशेष महत्व है।
इस मौके पर धन-धान्य और सुख-समृद्धि के लिए भगवान विश्वकर्मा के साथ कारखानों और ऑफिस आदि में मशीनों की पूजा की जाती है। मान्यता है कि विश्वकर्मा जयंती पर भगवान विश्वकर्मा की पूजा करने से करोबार या बिजनेस में तरक्की होती है। आज के दिन लोग अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को शुभकामना संदेश भी भेजते हैं। हम यहां आपके लिए कुछ शानदार Wishes लेकर आए हैं। देखें…
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विश्वकर्मा पूजा मंत्र
ऊं आधार शक्तपे नमः
ऊं कूमयि नमः
ऊं अनंतम नमः
ऊं पृथिव्यै नमः
ऊं श्री सृष्टतनया सर्वसिद्धया विश्वकर्माया नमो नमः.
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तू ही रचयिता है,
इस सृष्टि का है कर्मा,
सदा ही तेरी जय हो,
श्री बाबा विश्वकर्मा।
विश्वकर्मा जयंती की हार्दिक शुभकामना
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अद्भुत सकल सृष्टी कर्ता
सत्य ज्ञान सृष्टी जग हित धर्ता
अतुल तेज तुम्हारो जगमाही
कोई विश्वमही जानत नाही
Happy Vishwakarma Pooja !
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शिल्पकला कौशल में सर्वोच्च एवं
सृष्टि के रचयिता भगवान
विश्वकर्मा जयंती पर बधाइयाँ
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विश्वकर्मा जयंती की शुभेच्छा
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विश्वकर्मा की ज्योति से नूर मिलता है,
सबके दिलों को सुरूर मिलता है,
जो भी नाम लेता है विश्वकर्मा का
उसे कुछ न कुछ ज़रूर मिलता है।
विश्वकर्मा जयंती की शुभकामनाएं
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विश्वकर्मा जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
आइए पढ़ें श्री भगवान विश्वकर्मा के 108 नाम…
ૐ जय श्री विश्वकर्मा भगवान जी की आरती
ॐ जय श्री विश्वकर्मा, प्रभु जय श्री विश्वकर्मा।
सकल सृष्टि के कर्ता, रक्षक श्रुति धर्मा॥ ॐ जय…
आदि सृष्टि में विधि को श्रुति उपदेश दिया।
जीव मात्रा का जग में, ज्ञान विकास किया॥ ॐ जय…
ऋषि अंगिरा ने तप से, शांति नहीं पाई।
ध्यान किया जब प्रभु का, सकल सिद्धि आई॥ ॐ जय…
रोग ग्रस्त राजा ने, जब आश्रय लीना।
संकट मोचन बनकर, दूर दुःख कीना॥ ॐ जय…
जब रथकार दंपति, तुम्हरी टेर करी।
सुनकर दीन प्रार्थना, विपत हरी सगरी॥ ॐ जय…
एकानन चतुरानन, पंचानन राजे।
त्रिभुज चतुर्भुज दशभुज, सकल रूप सजे॥ ॐ जय…
ध्यान धरे जब पद का, सकल सिद्धि आवे।
मन दुविधा मिट जावे, अटल शक्ति पावे॥ ॐ जय…
“श्री विश्वकर्मा जी” की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत गजानंद स्वामी, सुख संपति पावे॥ ॐ जय…
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