Aavat Gari Ek Hai, Ultan Hoy Anek

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आवत गारी एक है, उलटन होय अनेक ।
कह कबीर नहिं उलटिये, वही एक की एक ॥

अर्थ :
अगर गाली के जवाब में गाली दी जाए, तो गालियों की संख्या एक से बढ़कर अनेक हो जाती है। कबीर कहते हैं कि यदि गाली को पलटा न जाय, गाली का जवाब गाली से न दिया जाय, तो वह गाली एक ही रहेगी ।

This picture was submitted by Smita Haldankar.

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