Maa Skandmata Ji Ki Aarti

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भगवती माँ दुर्गा जी के पाचवें स्वरुप को
स्कंदमाता के नाम से जाना जाता है !

भगवान् स्कन्द ‘कुमार कार्तिकेय ‘ की
माता होने के कारण माँ दुर्गा जी के
इस पाचवें स्वरुप को स्कंदमाता
के नाम से जाना जाता है ! 
स्कन्दमाता की पूजा करने से आत्मबल बढ़ता है। यह देवी ममता की मूरत है
और मन की कोमल भावों की शक्ति बढ़ाने के लिए प्रेरित करती है।

मां स्कंदमाता की आरती

जय तेरी हो स्कंध माता
पांचवा नाम तुम्हारा आता

सब के मन की जानन हारी
जग जननी सब की महतारी

तेरी ज्योत जलाता रहू मै
हरदम तुम्हे ध्याता रहू मै

कई नामो से तुझे पुकारा
मुझे एक है तेरा सहारा

कही पहाड़ो पर है डेरा
कई शेहरो मै तेरा बसेरा

हर मंदिर मै तेरे नजारे
गुण गाये तेरे भगत प्यारे

भक्ति अपनी मुझे दिला दो
शक्ति मेरी बिगड़ी बना दो

इन्दर आदी देवता मिल सारे
करे पुकार तुम्हारे द्वारे

दुष्ट दत्य जब चढ़ कर आये
तुम ही खंडा हाथ उठाये

दासो को सदा बचाने आई
‘चमन’ की आस पुजाने आई

माँ स्कंदमाता मंत्र
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ स्कंदमाता रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

This picture was submitted by Smita Haldankar.

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